तुम्हारे बिना चिरागों में रौशनी न रहेगी
अपने सायें से भी ज़यादा यकीं है मुझे तुम पर
हमसफ़र मिलने से दोस्ती मिटाई नहीं जाती,
क्योंकि दोस्ती थोड़ी सी नादान होती है।
शुक्रिया ऐ दोस्त मेरी ज़िन्दगी में आने के लिए
बस थोड़ी ज़िन्दगी उलझ पड़ी है दो वक़्त की रोटी कमाने में
जैसे सूखे गुलाब मिलते हैं किताबों में।
दोस्तों के लिए तो कुर्बान है ये ज़िंदगी
दोस्ती का शुक्रिया कुछ इस तरह अदा करूँ
हवा के झोंके ने फिर से पन्नों को सहलाया,
क्या पता ख्वाबों में गुजरा हुआ कल मिल जाए।
होंठों पर हँसी और हथेली पर मेरी जान होगी।
दिल से मायूसी जिंदगी से दर्द और बस चले तो
ज़िन्दगी में बहुत सारे दोस्त बनाना कोई ख़ास बात नही है लेकिन एक ही दोस्त के साथ ज़िन्दगी भर dosti shayari दोस्ती निभाना यह खास बात है.